सोमवार, 18 जनवरी 2010

आयुर्वेद पर फिदा अमेरिकी

अमेरिकियों को भी भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की महत्ता समझ मे आ गई है। इस प्रचीन चिकित्सा पद्धति के गूढ़ रहस्यों को जानने-समझने के लिए अमेरिकी चिकित्सकों का एक दल इसी माह के अंतिम सप्ताह में भारत आ रहा है।

ये चिकित्सक भारतीय आयुर्वेदाचार्यों से आयुर्वेद, योग, ध्यान, प्रणायाम और तेल मालिश सरीखे अनेक पद्धतियों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे, जिससे कि इस प्रचीन चिकित्सा पद्धति का प्रचार-प्रसार अमेरिका में भी कर सकें।

अमेरिकन एसोसिएशन आफ फिजिशियंस आफ इंडियन ओरिजन [एएपीआई] के सह-संस्थापक नवीन शाह ने कहा, 'इस पांच दिवसीय दौरे में अमेरिकी डाक्टर पांच प्रमुख बीमारियों और पांच जड़ी बूटियों के फायदों का अध्ययन करेंगे।'

हालांकि, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के दौरे की तिथि की निश्चित सूचना अभी नहीं मिल सकी है। एक जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली में अधिकारियों से मुलाकात करने के अलावा यह प्रतिनिधिमंडल जयपुर स्थित आयुर्वेद कालेज एंड हास्पिटल भी जाएगा।

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, जोंस हापकिंस यूनिवर्सिटी, अल्बर्ट आइंसटीन कालेज आफ मेडिसिन, जार्ज टाउन यूनिवर्सिटी, एरीजोना यूनिवर्सिटी और ओरेगन हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी के अध्येता शामिल हैं।

ज्ञातव्य हो कि भारत में 150 आयुर्वेद कालेज, 50 स्नातकोत्तर आयुर्वेद संस्थान हैं जिनमें 70 हजार से ज्यादा छात्र अध्ययनरत हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह प्रतिनिधिमण्डल इनमें से कुछ प्रमुख सस्थानों में भी जाएगा।

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